हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी https://lokhitkhabar.com/