अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर, नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी । शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa